टविटर(Twitter) की क़ानूनी सुरक्षा छीन ली गई है, जो आपने अखबारों और न्यूज़ में देखा होगा। जहां पहले लग रहा था कि भारत twitter को बैन कर देगा, वहीं अब ऐसा लग रहा है कि twitter खुद भारत छोड़कर जा सकता है।
क्योंकि twitter से उसकी कानूनी ढाल छीन ली गई है, अब twitter एक सामान्य अख़बार या न्यूज़ मीडिया कम्पनी माना जायेगा, जिस पर किसी फेक न्यूज़ विडिओ के वायरल होने पर FIR दर्ज की जा सकती है।
साधारण तह सोशल मीडिया मध्यस्थ कंपनी जैसे फेसबुक(Facebook), इंस्टाग्राम(Instagram), यूट्यूब(Youtube), टविटर(Twitter) पर जो भी पोस्ट होता है, उसके लिए कंपनी जिम्मेबार नहीं होती है। बल्कि जिम्मेबारी पोस्ट करने वाले व्यक्ति की होती है।
भारत में फेक न्यूज़ के मामले बढ़ते ही जा रहे थे। जिसको लेकर भारत सरकार नए कानून ले कर आयी है।
कुछ इस तरह हैं नए कानून:
- सोशल मीडिया कंपनी को एक शिकायत अधिकारी नयुक्त करना होगा जिससे सरकार बात कर सके ताकि फेक न्यूज़ को फैलने से रोका जा सके या हटाया जा सके।
- पहले फेक न्यूज़ पोस्ट करने वाले व्यक्ति (Source of misinformation) की जानकारी पुलिस या भारतीय सुरक्षा एजेंसी सोशल मीडिया कंपनी से ले सकें।
क्रमांक 2. को लेकर Whatsapp ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि ऐसा करना अभिविक्ति की गोपनीयता (right to privacy) के खिलाफ होगा। जिसके जबाब में MeITY भारत सरकार ने कहा कि निजता का अधिकार उचित प्रतिबंधों के साथ आएगा।
3 साल पहले 2018 में व्हाट्सएप्प (Whatsapp) की मूल कंपनी फेसबुक (Facebook) पर लोगों का निजी डाटा, कैंब्रिज अनलिटिका(Cambridge Analytica) नाम की कंपनी को बेचा था। जब ये बात सामने आयी तो Facebook ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर में खराबी की बजह से हुआ है। भविषय में ऐसा नहीं होगा।
क्या बोले कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद
कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा। भारतीय कंपनियां चाहे वह फार्मा हों, आईटी या अन्य जो अमेरिका या अन्य देशों में व्यापार करने जाती हैं, स्वेच्छा से स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं। फिर Twitter जैसी इंटरनेट प्लेफॉर्म कंपनियां भारतीय कानूनों का पालन करने में अनिच्छा क्यों दिखा रही हैं ?
पूरा मामला संक्षिप्त में।
नए IT नियमों के अनुसार, भारतीय सरकार ने Twitter को कुछ दिशा निर्देश दिए थे जिसके अनुसार Twitter को अपनी कंपनी में शिकायत दर्ज करने के लिए 15 दिन के अंदर एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना था शिकायत अधिकारी जो प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्रवाई की मासिक अनुपालन रिपोर्ट दर्ज करें। परंतु ट्विटर ने सरकार के किसी भी नियम का पालन नहीं किया।
जिसके चलते Twitter ने अपनी सुरक्षा का अधिकार खो दिया। इसका मतलब है कि Twitter और उसके शीर्ष अधिकारी अब अपने मंच पर सामग्री के लिए कानूनी कार्रवाई के लिए खुले रहेंगे, जिसे प्रकृति में वैध माना जाता है।
प्रत्येक देश के कुछ कानूनी नियम होते हैं जिनका हर कंपनी को पालन करना होता है जैसे कि भारत की कोई भी कंपनी USA जाकर वहां के नियम के हिसाब से काम करती हैं उसी तरह ट्विटर को भी भारत के IT नियमों का पालन करना पड़ेगा, परंतु टि्वटर नियमों का पालन करने में विफल रहा।
UP पुलिस ने Twitter India के खिलाफ FIR दर्ज की है।
Twitter की कानूनी सुरक्षा हटते ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक वीडियो के प्रसार के संबंध में Twitter, एक समाचार पोर्टल और 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति गाजियाबाद में कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद अपनी आपबीती सुनाता है।
यह वीडियो twitter पर खूब वायरल हुई, बाद में पुलिस ने पता लगाया तो इसमें ऐसा कोई सांप्रदायिक कोण नहीं था। क्योंकि जिन लोगों ने इन पर हमला किया वह विभिन्न धर्मों के थे। तो ऐसा नहीं था की इन पर इनके धर्म की बजह से हमला नहीं किया गया था।
बाद में पुलिस ने वीडियो साँझा करने के लिए Twitter Inc, Twitter comm. India, समाचार वेबसाइट द वायर (The Wire), पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस राजनेता सलमान निजामी, मसूर उस्मानी, डॉ समा मुहम्मद और लेखक सभा नकवी के खिलाफ FIR दर्ज की।
पुलिस को ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि ऐसे वीडियो वायरल होने की वजह से पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। अक्सर ऐसा होता है कि अगर कोई फेक न्यूज़ वीडियो वायरल होती है तो उस व्यक्ति पर FIR दर्ज की जाती है जो इसे वायरल करता है मगर ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी कंपनी पर FIR दर्ज की गई है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 धारा 79
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के अनुसार कोई भी सोशल मीडिया मध्यस्थ किसी तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा या संचार लिंक के लिए कानूनी कार्रवाई के रडार में नहीं होगा जो उसके द्वारा उपलब्ध या होस्ट किया गया है। यह आगे खुलासा करता है कि उपलब्ध सुरक्षा लागू होगी यदि उक्त मध्यस्थ किसी भी तरह से संदेश के प्रसारण की पहल नहीं करता है, प्रेषित संदेश के रिसीवर का चयन करता है, और प्रसारण में निहित जानकारी को संशोधित नहीं करता है।
अमेरिकी संचार शालीनता अधिनियम 1996
यदि हम वैश्विक मानदंडों को देखें, तो 1996 के संचार शालीनता अधिनियम की धारा 230 में कहा गया है कि "किसी भी इंटरैक्टिव कंप्यूटर सेवा के प्रदाता या उपयोगकर्ता को किसी अन्य सूचना सामग्री प्रदाता द्वारा प्रदान की गई किसी भी जानकारी का प्रकाशक या वक्ता नहीं माना जाएगा"
इस मामले से जुड़ी हुयी कुछ और बातें।
कुछ हफ्ते पहले, सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आधिकारिक खाते को निलंबित कर दिया था। निलंबन के पीछे का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं था, हालांकि कई मीडिया रिपोर्टों का दावा है कि मंच के नियमों का उल्लंघन करने के लिए खाते को हटा दिया गया था।
पिछले साल नवंबर में, माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने "कॉपीराइट धारक की रिपोर्ट" के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ट्विटर डिस्प्ले तस्वीर को हटाकर विवाद खड़ा कर दिया था। IT अधिनियम की धारा 79 के संरक्षण के बिना, ट्विटर अब "किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा, या संचार लिंक जो उसके द्वारा उपलब्ध या होस्ट किया गया है" के लिए कानूनी कार्रवाई के लिए खुला होगा।
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